इन विषयों को नज़रअंदाज करेंगे तो तैयारी अधूरी रह जाएगी और नहीं बन पाएँगे IAS: संस्कृति IAS Coaching के श्री ए. के. अरुण सर

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सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कैसे करें ताकि परीक्षाओं को कम समय में पास कर जाएँ। समग्र एवं सम्पूर्ण तैयारी के टिप्स जानने के लिए आज हमारे साथ हैं संस्कृति IAS Coaching के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर श्री ए. के. अरुण सर।

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सर ने तैयारी की बारीकियां साझा करते हुए कहा कि सर्वप्रथम परीक्षा का सम्पूर्ण पाठ्यक्रम देखें। होता यह है कि अभ्यर्थी बड़े विषयों की तैयारी तो अच्छे से कर लेते हैं लेकिन पाठ्यक्रम में उल्लिखित छोटे विषय एवं टॉपिक को पर्याप्त समय नहीं देते है, जबकि परीक्षा में इससे संबंधित प्रश्न भी पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों में अधूरे प्रदर्शन का असर पूरी उत्तर पुस्तिका में पड़ता है और अभ्यर्थी परीक्षा की रेस से बाहर हो जाते हैं।

तैयारी की सम्पूर्णता के महत्त्व को साझा करने के बाद सर ने उन विषयों की भी चर्चा की जो तैयारी के क्रम में छूट जाते हैं-

  • भारतीय समाज
  • सामाजिक समस्याएँ
  • आंतरिक सुरक्षा
  • सामाजिक न्याय
  • गवर्नेंस; आदि

अरुण सर ने बताया कि कई बार अभ्यर्थी दूसरी सबसे बड़ी गलती करते हैं कि विषय से संबंधित NCERT एवं प्रमाणिक पुस्तकों का अध्ययन तो कर लेते है। लेकिन अपने ज्ञान को अद्यतन(Update) नहीं करते हैं। जबकि UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विगत वर्षों के प्रश्नों को देखें तो बड़ी संख्या में प्रश्नों का सम्बन्ध वर्तमान में घट रही घटनाओं से होता है। अभ्यर्थी परम्परागत ज्ञान के आधार प्रश्नों के जबाव लिखने की कोशिश करते हैं। और उनके द्वारा किए गए परिश्रम के फल से वंचित रह जाते हैं।

अरुण सर ने टॉपिक्स छूट जाने के कारणों की भी चर्चा की-

सर कहते है उक्त वर्णित विषय कई बार हमारी जानकारी में नहीं होते हैं तो कई बार जानकरी के बावजूद भी अध्ययन नहीं कर पाते हैं इसकी अनेक वजह हैं जैसे-

  • जब बिना पाठ्यक्रम देखे तैयारी शुरू कर देते हैं।
  • विगत वर्षों में आए प्रश्नों का अवलोकन नहीं करते।
  • अनुभवी मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है।
  • संबंधित विषय में अध्ययन सामग्री की अनुपलब्धता, आदि।

 साथ ही अधूरी तैयारी के नुकसानों की चर्चा करते हुए सर कहते है कि

  • इससे अभ्यर्थी चयन से वंचित रह जाते हैं।
  • समय एवं ऊर्जा की बर्बादी होती है।
  • परिश्रम के बावजूद बार-बार असफलता के कारण अध्ययन से मोह भंग होने लगता है।

सुझाव देते हुए अंत में अरुण सर ने कहा कि तैयारी का कोई शार्टकट नहीं हैं, जब तैयारी सम्पूर्णता में की जाती है तो अभ्यर्थियों में आत्मविश्वास स्वतः आने लगता है। पाठ्यक्रम में वर्णित प्रत्येक शब्द महत्वपूर्ण है। कम समय में चयनित होने के लिए अभ्यर्थी को सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को अपनी तैयारी की परिधि में शामिल करना चाहिए।

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