57 बर्ष बाद दिखाया बेतवा ने रौद्र रूप , जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त
तीसरे दिन भी बेतवा पुल से 27 फिट ऊपर,बाढ़ पीड़ितों का शिविर में पहुंचने का सिलसिला जारी*

गंजबासौदा–
अतिवर्षा के कारण नदी किनारे बसे ग्रामीणों का जनजीवन बाढ़ के कारण अस्तव्यस्त हो गया है|
बेतवा ने 57 बर्ष पुराने अपने ही रिकार्ड को तोड़ कर एक नया बाढ़ का रिकार्ड बनाया बुजुर्ग ग्रामीणों ने बताया कि करीब 57 बर्ष पूर्व 1965 में जब बेतवा में बाढ़ आई थी तब यह स्तिथि थी लेकिन अब 2022 में जब बेतवा में बाढ़ आई तब यह स्तिथि 1965 से भी अधिक भयाभय थी आज तीसरे दिन भी बेतवा नदी पुल से 27 फिट ऊपर वह रही है और नदी का रास्ता खुलने ओर बेतवा उतरने की कोई स्तिथि लग नहीं रही है जबकि दो दिन से बर्षात रुकी हुई है लेकिन लबालब भरे डेमों के पानी और खुले गेटों के कारण अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी आने बाले दो दिन ओर बेतवा की यही स्तिथि रहने बाली है|
*जनजीवन हुआ अस्त व्यस्य*
बाढ़ के कारण नदी से सटे ग्रामों में नागरिकों का जनजीवन अस्तव्यस्त हुआ है सैकड़ों नागरिक राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं|
अनेक नागरिकों को आर्थिक क्षति के साथ साथ मकान सामग्री भी नष्ट हो गई है ऐसे में नागरिकों का बुरा हाल है और अपने भविष्य को लेकर चिंतित है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार सबसे अधिक स्तिथि खराब ग्राम सिरावदा,छोटा सिरावदा,विस्कावली,नंदूपुरा,गंज,महोली,समदपुर,इमलिया,नौघई ,आगासौद गांव की बताई जा रही है|
*नुकसान का होगा सर्वे-*
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राकृतिक आपदा में जिन भी नागरिकों का जो भी नुकसान हुआ है चाहे वह नुकसान घर, मकान, सामग्री, खेती, का हो उनके नुकसान का सर्वे कराया जायेगा साथ जानकारी के अनुसार सर्वे करने बाले अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित भी किया गया है कि वह पीड़ित व्यक्तियों का सहियोग करें और सर्वेक्षण का कार्य जनप्रतिनिधियों को विस्वास में लेकर करें |
साथ ही यह भी निर्देशित किया गया है कि सर्वेक्षण की
समय सीमा निश्चित करें जिससे पीड़ित व्यक्तियों तक राहत जल्द से जल्द पहुंच सके|