डिज़ाइन थिंकिंग में नए विचार से स्टार्टअप्स बन रहे कामयाब
इंडेक्स डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथेरेपी एंड पैरामेडिकल मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा डिज़ाइन थिंकिंग पर सेमिनार
इंदौर। इंडेक्स डिपार्टमेंट आफ फिजियोथेरेपी एंड पैरामेडिकल मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा डिज़ाइन थिंकिंग पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रो. योगिता रावत ने छात्रों को डिज़ाइन थिंकिंग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डिज़ाइन थिंकिंग एक प्रक्रिया मात्र नहीं है, बल्कि यह सोचने का एक बिल्कुल नया तरीका प्रदान करती है। इससे नई मानसिकता को लागू करने के साथ ही उसका व्यावहारिक तरीकों से उपयोग करने में मदद मिलती है।
प्रो. रावत ने बताया कि आज अमेज़न और फ्लिपकार्ट से लेकर कई ऐसे बड़ी कम्पनियाँ हैं, जिनके पास कोई स्टोर नहीं है, इसके बावजूद वे अपनी डिज़ाइन थिंकिंग के जरिए दुनियाभर के प्रोडक्ट्स को बेच रही हैं। डिज़ाइन थिंकिंग यह सिखाती है कि कोई संसाधन नहीं है, लेकिन हम स्टार्टअप और थिंकिंग के जरिए एक बिलेनियर कंपनी बन सकते हैं। आपका नया विचार ही डिज़ाइन थिंकिंग कहलाता है। आज भारत, चीन और जापान के मुकाबले सबसे बड़ा युवा देश है। यहाँ की युवा सोच ही है, जो डिज़ाइन थिंकिंग के माध्यम से मिलेनियर क्लब में हर दिन अपना और देश का नाम रोशन कर रही है। डिज़ाइन थिंकिंग में नए विचारों से ही स्टार्टअप्स कामयाब भी बन रहे हैं।
कामयाब इंसान बनने के लिए खुद को कंफर्ट ज़ोन से बाहर लाना होगा
उन्होंने बताया कि डिज़ाइन थिंकिंग का सबसे बड़ा उदाहरण है कि आज हर बच्चा अमीर बनना चाहता है। लेकिन कोई भी अपने कंफर्ट जोन से बाहर नहीं आना चाहता है। यदि आपको कामयाब इंसान बनना है, तो सबसे पहले खुद को कंफर्ट जोन से बाहर लाना होगा।
डिज़ाइन थिंकिंग तकनीक और नीतियाँ व्यवसाय के हर स्तर पर होनी चाहिए। इसमें एक क्रॉस-फंक्शनल टीम बनाने के लिए विभिन्न विभागों के सहकर्मियों को शामिल करना चाहिए, जो विभिन्न विशेषज्ञताओं से ज्ञान और अनुभव का उपयोग कर सकें। प्राचार्या डॉ. रेशमा खुराना एवं आईक्यएससी डायरेक्टर डॉ. रोली अग्रवाल ने मुख्य वक्ता प्रो. योगिता रावत को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया, वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया और मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजीव नारंग ने कार्यक्रम की सराहना की।