*बाल आयोग के खुलासे के बाद हो रही भारत माता कान्वेंट स्कूल की निंदा-*
*स्कूल का नाम भारत माता और काम मानव तस्करी निंदनीय:-अग्रवाल*

*बाल आयोग के खुलासे के बाद हो रही भारत माता कान्वेंट स्कूल की निंदा-*
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*स्कूल का नाम भारत माता और काम मानव तस्करी निंदनीय:-अग्रवाल*
गंजबासौदा- विगत दिवस राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ड़ॉ निविदिता शर्मा व ओमकार सिंह द्वारा भारत माता कान्वेंट स्कूल की की गई जांच में मानव तस्करी व धर्मांतरण जैसे संगीन मामले के खुलासे के बाद नगर में प्रत्येक स्थल पर स्कूल की निंदा की जा रही है पूरे बिषय में विश्व हिंदू परिषद के प्रांत गौ रक्षा प्रमुख व गौ संरक्षण बोर्ड के जिला उपाध्यक्ष नीलेश अग्रवाल ने कहा कि विद्यालय का नाम ‘भारत माता’ ओर कृत्य मानव तस्करी व धर्मांतरण यह निंदनीय है बच्चियों की तस्करी एक जघन्य अपराध है विश्व हिंदू परिषद इसकी घोर निंदा करता है तथा सरकार से अपील करता है कि पूरे मामले में जो भी दोषी हैं उन पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हो साथ ही स्कूल की मान्यता तत्काल रद्द की जाए|
ज्ञात हो कि विगत वर्ष नगर के सन्त जोसफ स्कूल पर भी 8 बच्चों के धर्मांतरण के आरोप लगे थे साथ विगत वर्षों में इन निशनरी संस्थाओं में कई बार आरोप लग चुके हैं अभी जो मामला 70 बच्चों की तस्करी व धर्मांतरण का बाल आयोग के खुलासे के बाद संज्ञान में आया इसकी जांच पूर्व में भी हुई थी लेकिन आयोग के सदस्यों ने बताया कि पूरी जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था लेकिन अब फिर पुनः मामले में संज्ञान लिया है प्रथम दृष्टया स्कूल प्रबंधन दोषी है आयोग स्कूल को नोटिस देगा|
*विद्या के मंदिर में बच्चों की तस्करी जघन्य अपराध विद्यार्थी परिषद*
पूरे मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला विदिशा के जिला संयोजक सुभेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा कि विद्या के मंदिर विद्यादान के लिए होते हैं अगर विद्या के मंदिरों में बच्चों की तस्करी होने लगे तब विद्यालयों पर से भरोसा उठ जाएगा नगर के पालकों ने एक मिशनरी संस्था भारत माता कन्वेंट स्कूल पर भरोसा जताया मिशनरी संस्था होने के बाद भी नगर के हिंदू परिवारों के हजारों बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यालय में भेजा लेकिन आज जब राज्य बाल आयोग के सदस्यों द्वारा इस जघन्य अपराध का खुलासा किया गया तब इस विद्यालय व इसके प्रबंधन पर से भरोसा उठ गया है श्री राजपूत ने कहा कि मैं शासन से मांग करता हूं कि सर्वप्रथम स्कूल प्रबंधन पर मामला पंजीबद्ध हो साथ ही स्कूल प्रबंधन से पूछा जाए कि वह बच्चे कहां भेजे गए हैं और अगर वह अनाथ बच्चे थे तब उन बच्चों को स्कूल प्रबंधन ने किसके सुपुर्द किया था इसकी पूर्ण रूप से जांच होना अति आवश्यक है पूरे मामले में गृह मंत्रालय को भी संज्ञान लेना चाहिए यह संगीन अपराध है|