टैफे (TAFE) ने किया भारत में मैसी फ़र्ग्यूसन ब्रांड के वैध स्वामित्व का दावा; एजीसीओ (AGCO) के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर की
एजीसीओ (AGCO) का दावा खारिज हुआ
टैफे (TAFE) 65 वर्षों से अपने मैसी फ़र्ग्यूसन ग्राहकों की सेवा में दृढ़ रहा
टैफे (TAFE) ने 2 मिलियन से अधिक एमएफ ट्रैक्टर डिज़ाइन किया
उत्तर प्रदेश, 30 सितंबर, 2024: 1960 में अपनी स्थापना के बाद से, टैफे (TAFE) ने मैसी फ़र्ग्यूसन ब्रांड का उत्पादन, निर्माण और पोषण किया है और अपनी मजबूत स्वदेशी आर एंड डी तथा गुणवत्ता नियंत्रण के बल पर भारत में 500 से अधिक मॉडलों का एक विस्तृत उत्पाद पोर्टफोलियो प्रस्तुत करता है। टैफे (TAFE) भारत में प्रति वर्ष 180,000 से अधिक ट्रैक्टरों के साथ 100,000 से अधिक मैसी फ़र्ग्यूसन का उत्पादन करता है एवं इस सेवा के माध्यम से लगभग 3 मिलियन संतुष्ट ग्राहकों का आधार बनाया है। टैफे (TAFE) और मैसी फ़र्ग्यूसन भारत में पर्यायनामी हैं।
टैफे (TAFE) भारत में ट्रैक्टरों का दूसरा और दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसने भारत और 80 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में किसानों का विश्वास जीतते हुए विश्वसनीय गुणवत्ता के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की है। 2,000 से अधिक डीलरों का एक मजबूत वितरण नेटवर्क, टैफे (TAFE) के चार प्रतिष्ठित ट्रैक्टर ब्रांडों – मैसी फ़र्ग्यूसन, टैफे, आयशर ट्रैक्टर्स और आईएमटी का प्रभावी ढंग से समर्थन करता है। टैफे (TAFE) 80 से अधिक देशों में ट्रैक्टरों का निर्यात करता है। टैफे (TAFE) को अपने ग्राहकों, उद्योग निकायों, मीडिया और सरकारों से प्रदर्शन और कंपोनेंट्स की आपूर्ति के लिए असंख्य प्रशंसाएँ मिली हैं एवं गुणवत्ता और ग्राहक संतुष्टि के लिए अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है।
टैफे (TAFE) के उत्पादों की डिज़ाइन भारत-केंद्रित हैं, जो एजीसीओ (AGCO) के उत्पादों से बिल्कुल अलग हैं एवं भारत और दुनिया भर के लघु एवं मध्यम किसानों के लिए उत्तम हैं। 1960 में मैसी फ़र्ग्यूसन इंडिया के अधिग्रहण के पश्चात पूरा क्षेत्र टैफे (TAFE) के अधीन आने के बाद एजीसीओ (AGCO) की वैश्विक ब्रांड वेबसाइट ने ऐतिहासिक रूप से छह दशकों से भारत, नेपाल और भूटान के सन्दर्भ में मैसी फ़र्ग्यूसन का कोई उल्लेख नहीं किया है।
टैफे (TAFE) ने 2012 में एजीसीओ (AGCO) कॉर्पोरेशन में शेयरधारिता हासिल की और इसका सबसे बड़ा शेयरधारक और रणनीतिक दीर्घकालिक निवेशक बन गया। इससे कंपनियों के बीच सहयोगात्मक संबंध मजबूत हुए तथा टैफे (TAFE) और एजीसीओ (AGCO) ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे एजीसीओ (AGCO) को एक दशक से अधिक समय के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन मिला।
जैसे-जैसे टैफे (TAFE) का रणनीतिक प्रभाव बढ़ता गया, एजीसीओ (AGCO) अपने समक्ष बारम्बार खड़े होने वाले मुद्दों को हल करने के बजाय, जिसमें एजीसीओ (AGCO) के कॉर्पोरेट प्रशासन की खामियां, शेयरधारकों के साथ पूरी तरह से अपर्याप्त जुड़ाव और प्रमुख क्षेत्रों में वित्तीय तथा परिचालन प्रदर्शन संबंधी मुद्दें शामिल थे, एजीसीओ (AGCO) ने ब्रांड उपयोग के संबंध में विवादास्पद और गलत सलाह देने की चालें चलकर टैफे (TAFE) की बदलाव लाने की कोशिश को दबाने का प्रयास किया, जो छह दशकों से एक निर्विवाद क्षेत्र रहा है।
मद्रास उच्च न्यायालय में दायर एक मामले में टैफे (TAFE) ने मैसी फ़र्ग्यूसन ब्रांड के स्वामित्व पर अपना दावा पेश किया। चेन्नई की वाणिज्यिक न्यायालय ने मैसी फ़र्ग्यूसन ब्रांड के संबंध में अंतरिम यथास्थिति का आदेश पारित करते हुए टैफे (TAFE) के पक्ष में फैसला सुनाया है, अतैव किसी भी पक्ष के लिए 29 अप्रैल 2024 तक की स्थिति को बदलना अस्वीकार्य है, और ऐसा करने का कोई भी प्रयास न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन होगा। टैफे (TAFE) ने एजीसीओ (AGCO) के खिलाफ न्यायालय के आदेशों की अवहेलना हेतु चेन्नई में एक अवमानना याचिका दायर की है।